श्रीमद् भागवत कथा नानी बाई के मायरे का हुआ समापन
शेरगढ़@राजेंद्र सिंह राठौड़
सत्य प्रेम करुणा सेवा संस्थान जोधपुर के तत्वधान में बिरामी गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं नानी बाई के मायरे का समापन बड़े ही धूमधाम के साथ में हुआ। कथा के अंतिम दिन विशाल शोभायात्रा गांव की प्रमुख गलियों से होती हुई भुवाल माता मंदिर तक निकाली गई। श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन भगवान के विवाह का वर्णन किया गया और अंत में सुदामा चरित्र का वर्णन आकर्षक झांकियों के साथ में किया गया। मायरे के अंदर रात्रि के समय में श्रोताओं का हुजूम उमड़ा, श्रोताओं की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं को भी बढ़ा दिया गया। कथावाचक संत उग्रसेन महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि हमेशा जब भी भक्तों पर कोई पीडा़ आती है तो भक्तों की सेवा में भगवान जरूर ही हाजिर होते हैं। नरसी जी ने 14 करोड़ की माया दीन दु:खी और गरीबों के लिए बड़े-बड़े भंडारे लगवाकर, बड़े-बड़े अनक्षेत्र लगवाकर खर्च की थी तो वापिस भगवान ने भी नरसी जी की बेटी नानी बाई के मायरे में समय पधारकर 56 करोड का मायरा मायरा भरवाया था। आज क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम के साथ में मायरा भरा गया। मायरे के रूप में क्षेत्र के युवा समाजसेवी भवानी सिंह पुत्र श्री भीखसिंह भाटी द्वारा 71000 की सहयोग राशि असाय दीन दु:खी गरीबों को समर्पित कर उनके परिवार द्वारा मायरा भरा गया। समस्त क्षेत्रवासियों द्वारा संस्थान परिवार को 3,00,000 की सहयोग राशि संस्थान परिवार को भेट की। कथा के अंतिम दिन कल्याण सिंह, राजेंद्रसिंह रजवाड़ा पैलैस,भीखसिंह,भवानीसिंह, जालमसिंह, अनंदाराम नाई मोहनदास वैष्णव, मांगीलाल सुथार, सीताराम सेन, ओम सिंह राजपुरोहित, खेताराम देवासी, राजूराम देवासी, बाबू दास वैष्णव, देवाराम पालीवाल, बीरमदास, चामुंड सिंह, महावीर सिंह, कानसिंह, रावत राम मेघवाल,पूना राम जोया,मोतीसिंह, मांगीलाल सुथार, कानाराम सुथार आदि ग्रामीण मौजूद थे। वहीं आयोजन के अंतिम में संस्थान के डायरेक्टर हुकमाराम भाटी ने समस्त ग्रामीण वासियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पूरे गांव में इसी प्रकार शांति और प्रेम भाव बना रहे, इसी प्रकार आगे भी संस्थान के साथ में ऐसे ही जुड़े रहे और उन्होंने यह भी आश्वासन दिया जोधपुर में अगर किसी भी प्रकार की हमारे योग्य सेवा है तो कोई भी ग्रामीणवासी आ कर ले सकता है।
Comments
Post a Comment